विपक्ष झूठे मुद्दों पर चुनाव लड़ने को
मजबूर क्यों ?
विचुनाव जैसे-जैसे अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है , चुनाव में मूल मुद्दे गायब होते जा रहे हैं और झूठे मुद्दे अपना स्थान बना रहे हैं । प्रश्न है कि विपक्ष झूठे मुद्दों को लाने के लिए क्यों मजबूर है ?
क्या नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले 10 साल में ऐसी कोई गलतियां नहीं करी जिनको जनता के सामने रखा जा सके ?
क्या नरेंद्र मोदी पिछले 10 साल में कुछ ऐसे मुद्दों को निपटाने में सफल नहीं हुए जिनको जनता के सामने रखा जा सके ?
क्या नरेंद्र मोदी के 10 साल के कार्यकाल में कोई ऐसे घोटाले नहीं हुए जिन्हें जनता के सामने रखा जा सके ?
क्या नरेंद्र मोदी के 10 साल के कार्यकाल में कोई ऐसी गलतियां नहीं हुई जिन्हें जनता के सामने रखा जा सके ?
विपक्ष रोज एक से एक नया झूठ सामने लाता है जैसे
संविधान खतरे में है !
आरक्षण खतरे में है !
लोकतंत्र खतरे में है !
देश खतरे में है !
सरकार ने जनता का पैसा पीएम के दोस्तों को बांट दिया!
कभी ईवीएम को लेकर झूठ बोला जाता है !
अब तो हालत यह है कि विपक्ष शर्मनाक तरीके से आरक्षण पर ग्रह मंत्री अमित शाह का एक फर्जी वीडियो लेकर आ गया है । अब इस पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
क्या विपक्ष जनता को बेवकूफ समझता है ?
पिछले 10 साल से नरेंद्र मोदी सरकार में है । इससे पहले भी अटल जी भारत के प्रधानमंत्री रहे , इसके अलावा भी कांग्रेस से अलग अन्य दलों के लोग भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं । कभी संविधान खतरे में नहीं पड़ा । आज तक किसी ने भी आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास नहीं किया । खुद प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि भारत में आरक्षण को किसी भी कीमत पर समाप्त नहीं होने दिया जाएगा।देश में लोकतंत्र को खत्म करने का आज तक किसी ने प्रयास नहीं किया , इसके विपरीत खुद कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर देश में लोकतंत्र को समाप्त करने का एक प्रयास किया था
फिर यह सारा झूठ क्यों परोसा जा रहा है ?
ऐसा लगता है कि विपक्ष मुद्दा विहीन है । उसके पास सरकार की नाकामियां , घोटाले ,गलतियां नहीं है और इसीलिए वह कभी लोकतंत्र , कभी आरक्षण , कभी संविधान , कभी देश को खतरे में डालने की बात करके जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है ।
विपक्ष भूल रहा है कि यह सोशल मीडिया का जमाना है । इस दौर में सच और झूठ बहुत जल्दी अलग-अलग हो जाते हैं । ऐसा लगता है जैसे सरकार पिछले 10 साल से सफलतापूर्वक काम कर रही है और इसीलिए विपक्ष झूठ बोलने को मजबूर है ।
विपक्ष सिर्फ झूठ ही नहीं बोल रहा , बल्कि अपनी असभ्यता का भी परिचय दे रहा है । राहुल गांधी और प्रियंका गांधी देश के प्रधानमंत्री के लिए असभ्य भाषा बोल रहे हैं । सब जानते हैं प्रधानमंत्री उम्र में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से बहुत बड़े हैं लेकिन उसके बाद भी इन दोनों के द्वारा प्रधानमंत्री के लिए तू तड़ाक की भाषा का प्रयोग किया जा रहा है।
क्या यही गांधी परिवार के संस्कार है या यह गांधी परिवार की निराशा है ?
जनता इस सब को देख रही है । एक-एक शब्द को बड़े ध्यान से सुन रही है। निश्चित रहिए जनता इन सब बातों को ध्यान में रखकर अपना वोट देने जाएगी । और हो सकता है तब यही विपक्ष परिणाम देख ईवीएम के चरित्र पर उंगलियां उठाये ।
आज की चर्चा यहीं तक । आगे की चर्चाओं के लिए पढ़ते रहिए charchakavishay.com