बालासोर रेल दुर्घटना - सरकार और विपक्ष

बालासोर रेल दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है । एनडीए सरकार आने के बाद रेल दुर्घटनाओं में महत्वपूर्ण स्तर पर कमी आई है । यही नहीं रेलवे में सुरक्षा के उच्च मानदंडों को अपनाया गया है । रेलवे का पूरा कायाकल्प करने की तैयारी यह सरकार कर रही है । लेकिन इस दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया । अच्छा तो यह होता की पक्ष हो या विपक्ष यह सोचता कि हमारे इतने प्रयासों के बाद भी आखिर यह रेल दुर्घटना कैसे हो गई वह कौन सी कमियां थी जिन्हें हम पहचान नहीं पाए । लेकिन अफसोस है भारत में विपक्ष का बस एक ही काम है कोई दुर्घटना हो और इस्तीफा मांगे । यदि भ्रष्टाचार का मामला झलक रहा होता तो निश्चित रूप से विपक्ष की मांग से किसी हद तक सहमत हुआ जा सकता था लेकिन यहां भ्रष्टाचार का मामला नहीं है या तो कोई मानवीय चूक है या किसी के द्वारा जानबूझकर की गई कोई हरकत है । वास्तविकता क्या है जांच के बाद ही पता चलेगा

अच्छा होता विपक्षी संयम का परिचय देता और घटना की तहकीकात में जाने पर जोर देता लेकिन ऐसा लगता है देश का विपक्ष संवेदना हीन हो चुका है इसको ना दुर्घटना से मतलब है ना दुर्घटना में गई जानो से मतलब है इसको बस सियासी नफे नुकसान से मतलब है 

रेल मंत्री की इस बात के लिए है प्रशंसा करनी होगी कि वह ना सिर्फ मौके पर गए बल्कि आखिरी समय तक मौके पर डटे रहे । उन्होंने खुद राहत एवं बचाव कार्य का निरीक्षण किया । साथ ही 3 दिन के अंदर ट्रैक  को अपनी उपस्थिति में चालू कराया । खुद प्रधानमंत्री भी घटनास्थल पर पहुंचे । अच्छा होता विपक्ष के नेता भी मानवीय संवेदना का परिचय देते और घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव एवं राहत में सरकार का हाथ बटाते  और सुझाव देते

लेकिन अफसोस है विपक्षी  ऐसा नहीं कर सके

लेकिन चर्चा की बात है गंभीरता से इस पर मंथन होना चाहिए कि इसमें प्रयासों और आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रयास के बाद भी यह दुर्घटना कैसे घटित हो गई । आशा है सीबीआई जांच के बाद साफ हो सकेगा यह कोई मानवीय चूक थी , या  जानबूझकर किया गया कोई प्रयास । यदि ऐसा कोई तथ्य सामने आता है कि  किसी ने जानबूझकर इस घटना को अंजाम दिया है तो ऐसे तत्वों को ऐसी सजा दी जाए जो भविष्य के लिए नजीर बन सके

चर्चा का विषय डांट काम की ओर से दुर्घटना में मृतकों को विनम्र श्रद्धांजलि ईश्वर से प्रार्थना है घायलों को तत्काल स्वस्थ करें

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