आतंक से मानवता फिर दहली
आतंकी संगठन हमास द्वारा इजरायल पर किए गए आतंकवादी हमले से विश्व भर में मानवता एक बार फिर दहल उठी है। हमास के आतंकियों द्वारा इजरायली महिलाओं के साथ की जा रही भीषण बर्बरता की तस्वीरों ने भारत में एक बार फिर मुस्लिम आक्रांताओं की यादें ताजा कर दी हैं। लोग सोशल मीडिया पर लगातार लिख रहे हैं कि यह सोचो उस समय मुस्लिम आक्रांताओं ने भारत की महिलाओं के साथ कितनी भीषण बर्बरता की होगी।
हमास का यह हमला अप्रत्याशित था और इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की विफलता कि वह इतने बड़े आतंकी हमले की भनक तक नहीं पा सकी।
इस भीषण हमले में इजरायल के 100 से ज्यादा नागरिकों की मौत हुई है और काफी सैनिक भी हताहत हुए हैं । जब तक यह स्तंभ आपके पास पहुंचेगा तब तक दोनों ही पक्षों के मृतकों और हताहतों की संख्या काफी बढ़ चुकी होगी और लड़ाई भी शायद भीषण रूप ले ले । हमास के आतंकियों ने इजरायल के नागरिकों और कई देशों के इजरायल में पढ़ रहे छात्रों को भी बंधक बना लिया है।
जैसी कि आशंका थी बैसे ही इजरायल ने तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त की और खुद को युद्ध में शामिल बताया । उसने फिलिस्तीन के आतंकी ठिकानों पर जोरदार हमले शुरू किये , जिससे हमास को भी काफी नुकसान पहुंचा है । शुक्र है कि इजरायल में भारत जैसी गांधीवादी और धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक ताकतें नहीं हैं जो अपने ही देश पर हमला करने बाली आतंकी ताकतों का समर्थन करें। पूरा इजरायल एकजुट है , वहां के एक पूर्व प्रधानमंत्री ने भी तत्काल प्रभाव से सेना ज्वाइन कर ली है।
अब यह लड़ाई इजरायल और फिलस्तीन के बीच रहेगी , इस बात की संभावना कम है। इसराइल पर हुए हमले पर ईरान की संसद में खुशी व्यक्त की गई और जश्न मनाया गया। तमाम इस्लामिक आतंकवादी संगठनों ने हमास की प्रशंसा की और उसे पूर्ण सहयोग का वादा किया जिससे यह साफ है कि लड़ाई और फैलेगी । संभव है कि यह युद्ध आगे चलकर इजरायल और ईरान के बीच न छिड़ जाए । यदि ऐसा हुआ तो दुनिया एक और भीषण युद्ध देखेगी पिछले कुछ समय में ईरान ने भी सैन्य रूप से काफी प्रगति की है और वह इजरायल के हमले का करारा जवाब देने की स्थिति में है। यदि इन दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ा तो यह युद्ध कई और देशो को अपनी चपेट में ले लेगा जो दुनिया के लिए घातक होगा और आम आदमी के लिए परेशानी वाला होगा ।
इजरायल ने हर मुश्किल घड़ी में भारत का हमेशा साथ दिया है, इसलिए अच्छी बात यह है कि भारत सरकार ने इस हमले की निंदा करते हुए इसराइल के साथ खड़े होने का संदेश दिया है।
आतंकवाद से दुनिया के कई देशों की तरह भारत भी पीड़ित रहा है । 9/11 के मुंबई हमले की याद आज भी सभी को होगी । भारत की अधिकांश जनता इजरायल के साथ खड़ी प्रतीत होती है । लेकिन अफसोस है कि भारत में खुद को गांधीवादी और धर्मनिरपेक्ष मानने वाली कुछ राजनीतिक ताकतों ने एक वर्ग विशेष के वोट के लालच में इस आतंकी हमले की न तो निंदा की और न इजरायल सरकार को भारत की ओर से भरोसा जताया है । इन कथित गांधीवादी ताकतों के इस व्यवहार से भारत के बहुमत सम्प्रदाय में गुस्सा है।
अधिकांश पश्चिमी देशों ने इस हमले में इजरायल के साथ खड़े होने का संदेश दिया है । रूस ने सभी पक्षों से संयम रखने की अपील की है तो संयुक्त अरब जैसे कुछ मुस्लिम राष्ट्रों ने भी संयम बरतने की सलाह दी है
इजराइल ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए प्रसिद्ध है और पूरी उम्मीद है कि वह आतंकी ताकतों को कुचल देगा । यह पूरी दुनिया के हित में होगा । जरूरत है की पूरी दुनिया इजराइल के साथ खड़ी हो और तमाम आतंकवादी संगठनों को कुचलने के लिए जरूरी कदम उठाये जायें हालांकि इस बात की सम्भावना मुझे कम ही लगती है।
हमें यही उम्मीद करनी चाहिए की फिलीस्तीन और इजरायल के बीच संघर्ष जल्द रुक जायेगा और आतंकवाद पराजित होगा । इसमें मानवता की जीत है।
आज की चर्चाओं में बस इतना ही । आगे यह आग जैसे जैसे और फैलेगी और नई-नई चर्चाओं को जन्म देगी , उन चर्चाओं के साथ फिर आपके सम्मुख आऊंगा।
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ISLAMIC terrorist ne ek baar phir bata diya hai ki manavta unke liye koi mahatava nahi rakhti . hamas ke terrorist ne nirdosh bachho aur womens ko bhi nahi choda aur bahut barbarta kari. atank , atank hi hota hai , pure vishwa ko n kewal iski ninda karni chahiye balki hamas jaise atankvadi sangthan ko kuchalne ke liye israel ki help karni chahiye . I FULLY SUPPORT ISRAEL AND STAND WITH ALL ACTIONS OF ISRAEL , TAKEN TO CRUSH THIS TERROR OUTFIT .
I apreciate you also to deliver a good article and to expose those indian forces who stand with terrorism . KEEP IT UP
मेरे अनुसार अभी यह युद्ध इसराइल और फिलिपींस ,जॉर्डन लेवान जैसे पड़ोसी देशों के बीच ही रहेगा क्योंकि इसराइल के साथ खड़े देश इजराइल को विश्व की अन्य स्थितियों से अवगत कराते रहेंगे ,इस हमास के हमले को अंजाम देने के लिए ईरान, पाकिस्तान ,चीन जैसे इसराइल के दुश्मन देश ने हमास का समर्थन किया है अर्थात हथियार मुहिया कराए हे,
अमेरिका ,ब्रिटेन, भारत ,फ्रांस आदि देश को उनकी गुपचर एजेंसी ने यह बात बता दी है इस कारण संयम करते हुए इजरायल हमास के खिलाफ युद्ध जारी रखेगा
आपका आकलन सही निकल रहा है। इजरायल और हमास के मध्य युद्ध को छः माह होने जा रहे हैं। दोनों के मित्र दोनों को हथियार सप्लाई तो कर रहे हैं लेकिन सीधे लड़ाई में शामिल होने से बच रहे हैं । मतलब साफ माल बेच रहे हैं पक्षकार नहीं बन रहे 🤣
मेरे अनुसार हमास का इजरायल पर यह अटैक ईरान पाकिस्तान चीन आदि देश जो इसराइल को अपना दुश्मन मानते हैं के सहयोग से किया गया है इसराइल के समर्थक देश अमेरिका ,ब्रिटेन, भारत आदि देश की गुपचर एजेंसियों ने यह बात उनको बता दी है इस कारण इसराइल संयम बढ़ाते हुए फिलिपींस की गाजा पट्टी जिस पर हमास का साम्राज्य है और नष्ट करें, वर्तमान में ऐसा महसूस नहीं होता कि ईरान और इजरायल के मध्य युद्ध हो
ईरान भी युद्ध से कतरा रहा है । वह हूती विद्रोहियों के कंधे पर बंदूक रखें बैठा है।