मेरा देश
भारत एक ऐसा देश है जहां शायद ही कोई ऐसा नागरिक हो जिसे अपने देश पर गर्व ना हो । यहां विभिन्नता में भी एकता है । इस देश में हर थोड़ी दूर पर अलग-अलग बोलियां बोली जाती है ,अलग-अलग भाषाएं बोली जाती है , लेकिन उसके बाद भी हर जगह भाईचारा होता है । देशभर में न जाने कितनी जातियां हैं , लगभग हर धर्म के लोग भारत में रहते हैं फिर भी भारत में भाईचारा है । यह बात और है कि जब से धार्मिक विषमता बढ़नी शुरू हुई है कुछ ताकतें भारत के भाईचारे को नष्ट करने का पुरजोर प्रयास कर रही है , लेकिन उसके बाद भी कम से कम अभी तक भारत की एकता और अखंडता को कोई खतरा नहीं है ।
भारत ऐसा देश है जहां ऐसे महापुरुषों ने जन्म लिया है जिन्होंने पूरी दुनिया को राह दिखाई है । यहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म हुआ जिनके बारे में जितना भी यहां पर लिखो शायद कम है । उन्होंने धर्म की , न्याय की , और नैतिकता की मिसाल कायम की है । प्रभू श्री राम भारत की आध्यात्मिक , सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना का रुप है तो इसी देश में श्री कृष्ण पैदा हुए जो १४ विद्या , १६ आध्यात्मिक , और ६४ कलाओं में पारंगत थे । वे भगवान विष्णु के दस अवतारों में आठवें और कुल चौबीस अवतारों में वाईसवें अवतार माने गये । उन्हें अपने सभी पिछले जन्म याद थे । सभी अवतारों में उन्हें पूर्णावतार माना जाता है । वह दुनिया के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने युद्ध के मैदान में ज्ञान दिया जिसे श्रीमद भागवत गीता के रूप में जाना जाता है ।
यदि हम आधुनिक भारत की बात करें यहां विवेकानंद पैदा हुए , यहां अरविंद नेताम पैदा हुए , जिन्होंने जीवन का एक संपूर्ण दर्शन पूरी दुनिया को दिया इनका प्रभाव आज भी सिर्फ भारत में नहीं भारत के बाहर भी दिखाई देता है ।
भारत कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक , असम से लेकर गुजरात तक फैला हुआ है । उत्तर में हिमालय पर्वत को भारत का मुकुट माना जाता है । भारत ऐसा देश है जहां नदियों को देवी की संज्ञा दी गई है और गंगा नदी को तो भारत में मां के समान माना जाता है । नदियों और गंगा को यह दर्जा देने के पीछे हमारे पूर्वजों की मंशा यह रही कि भारत की नदियां सुरक्षित रहें , साफ़ रहें और हर नागरिक इनका ख्याल रखे । आखिर जल ही जीवन है । यदि नदियां ना हो , यदि गंगा जैसी पवित्र नदी ना हो तो भारत की संपूर्ण कृषि व्यवस्था चौपट हो जाए पानी की समस्या पैदा हो जाए इसलिए हमारे पूर्वजों ने बहुत सोच समझकर नदियों और गंगा को पवित्र घोषित किया ।
भारत 1947 में अंग्रेजों के कब्जे से मुक्त हुआ लेकिन दुर्भाग्य से उस वक्त भारत पर के पास एक ऐसी डायनेमिक लीडरशिप का अभाव था जो भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की इच्छा रखती हो , और जो थे उनको गुटबाजी से दबा दिया गया । ऐसा नहीं है कि उस वक्त का नेतृत्व नाकारा था लेकिन ऐसा जरूर है कि उनके पास इच्छाशक्ति की बड़ी भारी कमी थी । उनके पास दूरदृष्टि नहीं थी । यदि दूरदृष्टि होती तो आज काश्मीर समस्या न होती , चीन ने तिब्बत को न हड़पा होता , चीन ने भारत के विशाल भू-भाग पर कब्जा न किया होता , और शायद नेपाल भी भारत का हिस्सा होता , भारत सुरक्षा परिषद का तभी वीटों पावर बाला स्थायी सदस्य होता ।
भारत के साथ जो मुल्क आजाद हुए थे आज भारत से बहुत आगे हैं भारत उनसे बहुत पीछे हैं। भारत में ऐसे ऐसे मंदिर और महल बने हुए हैं कि दुनिया यह सोचने को मजबूर हैं कि हजारों साल पहले भारत में इतने खूबसूरत मंदिर और महल कैसे बना दिए गए जो दुनिया आज भी नहीं बना पाई है । तमिलनाडु , केरल और आसाम मैं जाएं तो मंदिरों को देखकर , मंदिरों की तकनीकी को देखकर मंदिरों की खूबसूरती को देखकर दांतो तले उंगली दबा लेंगे । लेकिन अफसोस यह है कि भारत के इस ऐतिहासिक ज्ञान , सांस्कृतिक ता और उसकी खूबसूरती को भी छुपाया गया , दुनिया को ताजमहल तो दिखाया गया लेकिन तमिलनाडु और केरल के मंदिर जो आज भी दुनिया के लिए बेमिसाल है छिपाकर रखे गए उनके बारे में दुनिया को नहीं बताया गया ।
लेकिन अब भारत बदल रहा है अब भारत की ऐतिहासिकता को दुनिया के सामने लाया जा रहा है आज दुनिया भारत की ओर देख रही है उसको लगता है कि भारत में हजारो साल पहले आखिर इतना ज्ञान कहां से आया । पूरी दुनिया आज भारत की ओर देख रही है । संयोग से आज भारत में एक ऐसी सरकार भी है जो भारत की इस सच्चाई को दुनिया के सामने ला रही है । मुझे गर्व है मैंने ऐसे ही देश भारत में जन्म लिया है । इस भारत पर हम हर भारतीय को गर्व है ।